बातचीत शीर्षक निबंद का सारांश लिखे।
बालकृष्ण भट्ट आधुनिक हिन्दी गद्य के आदि निर्माताओं और उन्नायक रचनाकारों में एक है। बालकृष्ण भट्ट बातचीत निबंध के माध्यम से मनुष्य को ईश्वर द्वारा दी गई अनमोल वस्तु वाक्शक्ति का सही इस्तेमाल करने को बताते हैं। वे बताते हैं कि यदि वाक्शक्ति मनुष्य में न होती तो हम नहीं जानते कि इस गूँगी सृष्टि का क्या हाल होता। सबलोग मानों लुंज-पुंज अवस्था में कोने में बैठा दिए गए होते। वे बातचीत के विभिन्न तरीके भी बताते हैं। यथा घरेलू बातचीत मन रमाने का ढंग है। वे बताते हैं कि जहाँ आदमी की अपनी जिंदगी मजेदार बनाने के लिए खाने पीने, चलने फिरने आदि की जरूरत है, वहाँ बातचीत की भी अत्यन्त आवश्यकता है। जो कुछ मवाद या धुआँ जमा रहता है वह बातचीत के जरिए भाप बनकर बाहर निकल पड़ता है। इससे चित हल्का और स्वच्छ हो परम आनंद में मग्न हो जाता है। बातचीत का भी एक खास
तरह का मजा होता है। यही नहीं, वे बतलाते हैं कि जबतक मनुष्य बोलता नहीं तबतक उसका गुण-दोष नहीं प्रकट होता। बेन जानसन का कहना है कि बोलने से ही मनुष्य के रूप का साक्षात्कार हो जाता है। वे कहते हैं कि चार से अधिक की बातचीत तो केवल राम रमौवल कहलाएगी। यूरोप के लोगों में बातचीत का हुनर है जिसे आर्ट ऑफ कनवरसेशन कहते हैं। इस प्रसंग में ऐसे चतुराई से प्रसंग छोड़े जाते हैं कि जिन्हें कान को सुन अत्यंत सुख मिलता है। हिन्दी में इसका नाम सुहृद गोष्ठी है। बालकृष्ण भट्ट बातचीत का उत्तम तरीका यह मानते हैं कि हम वह शक्ति पैदा करें कि अपने आप बात कर लिया करें।
बुद्ध ने आनंद से क्या कहा ?
मैंने जो धर्म चलाया था वह पाँच सहस्र बर्ष तक चलनेवाला किन्तु अब यह पाँच सौ बर्ष चलेगा क्योंकि नारियों को मैंने भिक्षुणी होने का अधिकार दे दिया है ।
उसने कहा था कहानी मे किसने किससे क्या कहा था ?
उत्तर – उसने कहा था कहानी मे सुबेदारनी ने लहन सिंह से कहा कि जिस प्रकार उस समय उसने एक बार घोड़े की लातो से उसकी रक्षा की थी उसी प्रकार उसके पति और एकमात्र पुत्र की भी रक्षा करें। वह उसके आगे अपना आँचल पसार कर भिक्षा माँगती है। यह बात लहना सिंह के धर्म को छु जाती है।
गैंग्रीन क्या होता है ?
पहाड़ियो पर रहने वाले व्यक्तियों को काँटा चुभना आम बात है। परन्तु काँटा चुभने के बाद बहुत दिनों तक छोड़ देने के बाद व्यक्ति का पॉव जख्म का शक्ल अख्तियार कर लेता है। जिसका इलाज मात्र पॉव का काटना ही है। काँटा चुभने पर जख्म को ही गैंग्रीन कहते है।